अंजार के गंगानाका,मतीयानगर,रामदोवनगर
हर जगह दारु बीक रहा है।कानुन के रखवालों को जेब में रखते हैं । यह बूटलेगर खुद कह रहे हैं।लोकडाउन का पालन की बात छोडिये खुलेआम बिंदाश दारु बेचा जा रहा है।
बूटलेगर बेखोफ हो कर दारु की हेराफेरी कर रहे हैं और बेच रहे हैं।
महामारी का संक्रमन न बढे सो लोकडाउन घारा 144 लगाइ गइ है पर बेखौफ बूटलेगरो पर घारा का कोइ भी असर नहीं।और दारु की बदी इतनी फेल चुकी है के गली, गली,ध र ,धर दारु बीक रहा है और कानुन के रखवालो ने कानुन का मजाक बना रखा है।दिन दहाडे दारु बिक रहा है पर .......???
जागरित नागरिक फरियाद करे तो बूटलेगरों को उकसा कर फरियाद करने वाले पर फरजी फरियादें दाखिल करवा कर घमकाया जाता है।कब तक यह चलेगा??
बिंदाश दारु का बीकना भी महामारी को बढावा देने के लिये काफी है ।तो महामारी ऐकट के तहत बूटलेगरों और बूटलेगरों को पोषने वालो पर कारयवाही हो ऐसी मांग उठ रही है।
दारु की बदी से क्राइम का ग्राफ बढता जाता है।और क्राइम हो जाते हैं तो इनकी जवाबदारी लोकल सरकारी अफसरस को मान कर कारयवाही की जानी चाहिये।क्राइम का बढता ग्राफ दारु का आभारी है।
क्राइम को कंट्रोल करने हेतु तत्काल दारु के हटडे बंद करवा कर महामारी के संक्रमन को रोकना जरुरी हो गया है।
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