शनिवार, 23 नवंबर 2019

महाराष्ट्र: सरकार बनाने वाला पुरा ड्रामा! पढिये



जिस कागज पर उद्धव के लिए कराए विधायकों से दस्तखत, वो अजित पवार ने फडणवीस को दे दिया?????महाराष्ट्र की राजनीति में अभी तक का सबसे बड़ा उलटफेर हो गया है। शुक्रवार शाम को जहां खबर थी कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बना रहे हैं, वहीं शनिवार सुबह एक चौंकाने वाले घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ले ली। देवेंद्र फडणवीस के साथ एनसीपी नेता अजीत पवार ने भी प्रदेश के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली। इस पूरे घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को समर्थन देने के लिए जिस कागज पर एनसीपी विधायकों के दस्तखत कराए गए थे, वो ही कागज अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस को दे दिया। पेपर पर नहीं लिखा था सीएम का नाम सूत्रों की मानें तो एनसीपी की बैठक में शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए जिस पेपर पर पार्टी के विधायकों से दस्तखत कराए गए थे, उस पेपर पर मुख्यमंत्री का नाम नहीं था। इसकी वजह ये थी कि शिवसेना की तरफ से उस समय तक सीएम पद के लिए कोई नाम ही तय नहीं हुआ था। दरअसल शुक्रवार देर रात तक उद्धव ठाकरे सीएम पद के लिए अपने नाम को लेकर पूरी तरह तैयार नहीं थे। सूत्रों का कहना है कि इसी बात का फायदा अजीत पवार ने उठाया और विधायकों के समर्थन वाला पेपर देवेंद्र फडणवीस के समर्थन में राज्यपाल को सौंप दिया। सहमति के बाद कराए गए विधायकों से हस्ताक्षर आपको बता दें कि एनसीपी नेताओं के बीच पिछले कई दिनों से शिवसेना को समर्थन देने की कवायद चल रही थी। इसके लिए दिल्ली और महाराष्ट्र में कई दौर की बैठकें भी हो चुकी थी और कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत चल रही थी। बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के बीच सहमति बनने के बाद एनसीपी के विधायकों से शिवसेना का समर्थन करने के लिए एक पेपर पर दस्तखत कराए गए थे। यह पेपर खाली था और इसके ऊपर सीएम पद के लिए किसी का नाम नहीं लिखा था। सूत्रों का कहना है कि यही वो पेपर है, जो अजीत पवार ने राज्यपाल को दिया है। 'उपस्थिति के लिए कराए गए थे हस्ताक्षर' वहीं, इस मामले पर एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने मीडिया को बताया, 'हमने पेपर पर विधायकों से उनकी उपस्थिति के लिए हस्ताक्षर लिए थे, शपथ के आधार के रूप में उस पेपर का दुरुपयोग किया गया है।' इस पूरे घटनाक्रम को लेकर शरद पवार ने आज शाम 4 बजे अपने घर पर पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है। शरद पवार ने कहा, 'ये फैसला पार्टी का नहीं है। यह अजीत पवार का निजी फैसला है। मैं साफ करना चाहता हूं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।' वहीं प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार का महाराष्ट्र में गठित सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। हम अजीत पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं। बीजेपी को समर्थन अजित पवार का निजी फैसला है।
✍स्पेशीयल स्कवोड दैनिक कच्छ शेरखान जत*

गजब!डोकटरो ने दो धंटे मार कर मरीज को किया जिंदा

चमत्कार...डॉक्टर ने मरीज को 2 घंटे के लिए मारा, इलाज के बाद फिर जिंदा किया  अब डॉक्टर आपको मारकर यानी मुर्दा बनाकर करेंगे इलाज. अगर आप गंभीर रूप से घायल हैं या आपको दिल का दौरा पड़ा है. या आपके सिर में गंभीर चोट है. चिंता न करिए...आप मरकर वापस जिंदा भी हो जाएंगे. ऐसा अमेरिका के डॉक्टरों का दावा है. उन्होंने दावा किया है कि ये परीक्षण 10 लोगों पर सफल रहा है. कहां हुआ ये हैरतअंगेज परीक्षण? अमेरिका के बाल्टीमोर शहर के यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन सेंटर के डॉक्टरों ने यह आश्चर्यजनक कारनामा किया है. किसने किया ये मेडिकल टेस्ट? यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन सेंटर के डॉक्टर सैम्युएल टिशरमैन और उनकी सर्जिकल टीम ने. मकसद क्या था मरीज को मारकर जिंदा करने का डॉ. सैम्युएल टिशरमैन चाहते हैं कि अगर मरीज बेहद गंभीर हालत में आता है तो कई बार सर्जरी के दौरान उसकी मौत हो जाती है. डॉक्टरों के पास उसे बचाने के लिए समय नहीं मिलता. इसलिए वे मरीज को उसी घायल अवस्था में मुर्दा बना दें तो उन्हें उसे ठीक करने का समय मिल जाएगा. किस तरह की पद्धत्ति अपनाई डॉक्टरों की टीम ने? यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन सेंटर के डॉ. सैम्युएल टिशरमैन ने इंसान को मारकर उसका इलाज करने के बाद वापस जिंदा करने की जो तकनीक अपनाई उसका नाम है - इमरजेंसी प्रिजरवेशन एंड रीससिटेशन (EPR). आखिर क्यों जरूरत पड़ी इस तरीके के इलाज की? डॉ. सैम्युएल टिशरमैन के पास एक बार स्वस्थ युवक आया जिसके दिल में किसी ने चाकू मार दिया था. उसे तत्काल इलाज के लिए ले गए लेकिन उसी दौरान उसकी मौत हो गई. आखिर डॉक्टरों को प्रेरणा कहां से मिली इसकी? एक दिन डॉ. सैम्युएल टिशरमैन ने पढ़ा कि गंभीर रूप से घायल सुअर को तीन घंटे के लिए मार डाला गया, इलाज के बाद उसे फिर से ठीक कर दिया. तभी उनके दिमाग में ये आइडिया आया. क्यों न इंसानों को भी इसी तरह कुछ घंटे मारकर ठीक किया जा सकता. फिर क्या किया डॉक्टरों की टीम ने EPR तकनीक में गंभीर रूप से घायल इंसान को 10 से 15 डिग्री सेल्सियस पर रख दिया जाता है. पूरे शरीर के खून के बेहद ठंडे सलाइन से बदल दिया जाता है. खून को निकालकर सुरक्षित रख देते हैं. दिमाग काम करना बंद कर देता है. ऐसी हालात में घायल इंसान मरा हुआ होता है. इलाज के बाद शरीर में वापस बहा देते हैं खून डॉ. सैम्युएल टिशरमैन ने यही पद्धत्ति अपनाई. उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर यह परीक्षण 10 लोगों पर किया. अधिकतम दो घंटे के इलाज के बाद डॉ. सैम्युएल टिशरमैन ने मरीज के शरीर को वापस 37 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर लाए. शरीर में खून का प्रवाह किया. गर्मी मिली तो शरीर ने फिर काम करना शुरू कर दिया जब शरीर को सामान्य तापमान मिला तो उसने काम करना शुरू कर दिया. दिल धड़कने लगा और खून दिमाग में पहुंचने लगा. धीरे-धीरे पूरा शरीर सामान्य हो गया. अमेरिकी प्रशासन ने दी थी परीक्षण की अनुमति अमेरिकी संस्थान यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने डॉ. सैम्युएल टिशरमैन को उनका परीक्षण पूरा करने की अनुमति दी थी. अब भी परीक्षण जारी है. डॉ. सैम्युएल टिशरमैन ने कहा कि वे 2020 के अंत तक इस परीक्षण का पूरा परिणाम बताएंगे

🖊स्पेशीयल स्कवोड दैनिक कच्छ शेरखान जत**



पुरव कच्छ पुलिस जवानो पर ननामी अरजी के आघार पर शिक्सात्मक ऐकशन ??

पुरव कचछ पुलिस के तीन जमादारों पर ननामी अरजी के आघार पर शिक्सात्मक ऐकश्न ले कर जिल्ला बहार बदली करना यह ऐक आशचरय लगे ऐसी धटना है। ननामी अरजी...