शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

सुरज को उग्ने से रोक सकता हुं कहने वाले बाबा के कुकर्म जानिये।

सूरज को उगने से रोकने का दावा करने वाले इस बाबा पर लड़की ने लगाये इल्जाम ।।गुजरात के अहमदाबाद में अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें बंधक बनाकर अनुयायियों से चंदा जुटाने के काम में लगाने के आरोप में स्वयंभू बाबा स्वामी नित्यानंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। नई दिल्ली: विवादों में घिरा स्वयंभू बाबा नित्यानंद देश छोड़कर फरार हो गया है। गुजरात पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। नित्यानंद के खिलाफ बुधवार को अहमदाबाद में मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप है कि अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों का अपहरण कर उनसे श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के लिए मजबूर करता था। स्वामी नित्यानंद के आश्रम में छुड़ाई गई एक नाबालिग लड़की ने मीडिया से बात करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किये है। उन्हें आश्रम में मानसिक अत्याचार का सामना करना पड़ा था। उनका कहना है कि उन्हें आधी रात को जगाकर भारी आभूषण पहनाए जाते और मेकअप कराके स्वामी नित्यानंद के लिए वीडियो बनाया जाता था। ये भी पढ़ें… आश्रम से निकलने की नहीं थी छूट उन्होंने बताया कि मेरी बड़ी बहने वहां से निकल नहीं पा रही थी, मैं इस बात की गवाह हूं कि स्वामी जी के सीधे निर्देश के बाद मेरी बहने ने वीडियो बनाए थे। पीड़िता ने बताया कि आश्रम के लोग हमारे माता-पिता के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था और हमसे भी ऐसा ही करने के लिए कहा जाता था लेकिन हमने उसे करने से इनकार कर दिया। पीड़िता ने आगे बताया कि आश्रम के प्रशासन ने आध्यात्मिक प्रक्रिया के नाम पर दो महीने तक एक कमरे में भी बंद कर दिया था। बच्चों को अगवा करने पर केस दर्ज गुजरात के अहमदाबाद में अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें बंधक बनाकर अनुयायियों से चंदा जुटाने के काम में लगाने के आरोप में स्वयंभू बाबा स्वामी नित्यानंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि नित्यानंद के दो महिला अनुयायियों- साध्वी प्राण प्रियानंद और प्रियातत्व रिद्धि किरण को भी गिरफ्तार किया है। दोनों पर कम से कम चार बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखने का आरोप है। आश्रम के लिए चंदा एकत्र करने के काम में इन बच्चों का इस्तेमाल बाल श्रमिक के तौर पर किया जा रहा था। ये भी पढ़ें… कौन हैं स्वामी नित्यानंद? स्वामी नित्यानंद का जन्म एक जनवरी, 1978 को तमिलनाड़ु के थिरुनामलाई में हुआ था। उन्होंने छोटी उम्र में ही संन्यास लेने का दावा किया था। बाद में उन्होंने ध्यानपीठम नाम से अपनी संस्था बनाई। इन आरोपों से इतर नित्यानंद अजीबोगरीब बयान देने के कारण भी चर्चा में रहते हैं। कुछ समय पहले उन्होंने दावा किया था कि वो गाय, बंदर और शेर की तमिल और संस्कृत में लोगों से बात करा सकते हैं। नित्यानंद पर अभिनेत्री से रेप का आरोप नित्यानंद पर एक तमिल अभिनेत्री के साथ रेप का आरोप है। लगभग नौ साल पहले एक वीडियो सामने आया था, जिसमें नित्यनांद और अभिनेत्री आपत्तिजनक हालत में दिख रहे थे। कई टीवी चैनलों पर यह वीडियो चला था। तब नित्यानंद ने कहा था कि यह वीडियो फर्जी है। जांच में उनकी बात झूठ साबित हुई। बाद में उन्होंने दूसरी दलील देते हए कहा कि उन्होंने सहमति से संबंध बनाए थे। उनकी इस दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 








बेटे के लिये चोदह लाख में बना डाली पांच करोर की कार

इस शख्स ने अपने बेटे के लिए 14 लाख रुपए में बना डाली 5 करोड़ की कार ।। लैंबोर्गिनी का नाम सुनते ही सबके दिमाग में रफ्तार और स्टाइल की बात आती है. जिसने भी इस कार को देखा या इसके बारे में सुना, वह यही चाहता है कि काश किसी तरह यह कार उसकी हो जाए. ऐसा ही सपना एक छोटे बच्चे ने भी देखा. एक वीडियो गेम खेलने के दौरान मासूम ने इस कार को देखा और उसने अपने पापा से इसे बनाने के बारे में पूछा. यह घटना अमेरिका की है. अमेरिका के कोलोराडो में रहने वाले स्टर्लिंग बैकस का बेटा एक दिन वीडियो गेम खेल रहा था, जिसमें लैंबोर्गिनी एवेंटाडोर कार का मॉडल था. गेम खेलते हुए उनके बेटे ने स्टर्लिंग से पूछा- पापा क्या हम इसे बना सकते हैं. स्टर्लिंग अपने बेटे के मासूम सवाल से प्रभावित हुए. लेकिन उन्हें पता था कि वह पांच करोड़ की कीमत वाली स्टर्लिंग एवेंटाडोर नहीं खरीद सकते. उन्होंने बहुत सोचा और फिर विचार किया कि वह इसे खरीद नहीं सकते लेकिन बना तो सकते हैं. स्टर्लिंग कोलोराडो के केएमलैब्स में साइंटिफिक अफसर है. उन्होंने 3D प्रिंटर की मदद से लैंबॉर्गिनी एवेंटाडोर की हूबहू नकल तैयार की. 3D मॉडल बनाने के बाद इस कार का ढांचा बनाने के लिए उन्हें स्टील का चेसिस तैयार करना था. उन्होंने 300 से भी अधिक हॉर्सपावर की ताकत वाला कॉर्वेट एलएस1 वी8 इंजन फिट किया. लेकिन कार की बॉडी बनाने के लिए मैटेरियल चुनना सबसे बड़ा सवाल था. 3D प्रिंटर की मदद से प्लास्टिक से बनी चीजें बनाई जा सकती है. लेकिन प्लास्टिक के पिघलने का खतरा रहता है. इसीलिए उन्होंने हर पार्ट के ऊपर कार्बन फाइबर की परत चढ़ाकर उस पर पेंट कर दिया. डिजाइन तैयार करने के लिए उन्होंने क्रिएलिटी सीआर-10 105 डेस्कटॉप 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल किया, जिसमें उन्हें काफी समय लग गया. कार के फ्रंट ब्रेक के हिस्से को बनाने में ही उन्हें 52 घंटे लग गए. उन्होंने छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़कर पूरा डिजाइन बनाने के लिए यूट्यूब टूटोरिअल का सहारा लिया. खास बात तो यह है कि आप इस कार में बैठकर घूम सकते हैं. यह कार बनाने में लगभग 14.23 लाख खर्च हो गए. कार के बारे में स्टर्लिंग ने कहा कि वह लैंबॉर्गिनी एवेंटाडोर जैसी दिखने वाली कार बना रहे हैं. उनका मकसद है कि वह इस कार को स्कूलों में ले जाकर विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग के छात्रों को दिखाना चाहते हैं, ताकि छात्र उस कार से कुछ सीख सकें.    ✍स्पेशीयल स्कवोड दैनिक कच्छ--शेरखान जत**




पुरव कच्छ पुलिस जवानो पर ननामी अरजी के आघार पर शिक्सात्मक ऐकशन ??

पुरव कचछ पुलिस के तीन जमादारों पर ननामी अरजी के आघार पर शिक्सात्मक ऐकश्न ले कर जिल्ला बहार बदली करना यह ऐक आशचरय लगे ऐसी धटना है। ननामी अरजी...