शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

ख्वाजा गरीब नवाज साहब(अजमेर) को तोपों की सलामी देती फौजिया।

 27 सालों से ख्वाजा साहब की खिदमत में यह लड़की देती है 'तोपों की सलामी' चांद दिखने पर कभी 3 बार तो कभी 5 बार तोप दागी जाती है. अजमेर: गरीब नवाज के दर पर हर कोई अपने-अपने अंदाज में खिदमत करते हैं. ऐसे ही खिदमत गुजार में शामिल है, फौजिया नाम की एक महिला जो बचपन से ही खास मौकों पर तोप दागने के कार्य को अंजाम दे रही है. वह अपने नाजुक हाथों से भारी-भरकम तोप में बारूद भर कर दागती है तो उसकी आवाज अजमेर के आस-पास स्थित गांवों तक जाती है. खास बात यह है कि फौजिया ने ता उम्र इसी तरह तोपची का कार्य कर ख्वाजा साहब की खिदमत करते रहने का प्रण भी लिया है. चांद का ऐलान हो या फिर नमाज का वक्त. ख्वाजा साहब की दरगाह में साल भर विभिन्न मौकों पर पास ही स्थित बड़े पीर की पहाड़ी से तोप की सलामी दी जाती है. एक तरफ तोप की आवाज आती है, दूसरी तरफ दरगाह में रस्म की शुरुआत होती है. करीब 35 वर्षीय फौजिया 8 साल की उम्र से ही तोप चलाने का कार्य कर रही है. फौजिया ने बताया कि उनका परिवार पिछली आठ पीढ़ियों से तोप चलाने का कार्य कर रहा है. पिछले 27 सालों से इस परम्परा को निभाने की जिम्मेदारी फौजिया के कंधों पर है. फौजिया के साथ उसके भाई मोहम्मद खुर्शीद, मोहम्मद रशीद और मोहम्मद रफीक भी तोप चलाने के कार्य को अंजाम देते हैं. सिर्फ बारूद का खर्चा तोप की गरज के साथ खेलने वाली फौजिया एक छोटी सी दुकान भी चलाती है, जिससे उनके घर का खर्चा चलता है. फौजिया ने शादी नहीं की है. फौजिया ने बताया कि तोप चलाने के बदले उसे कोई मेहनताना नहीं मिलता. हालांकि, खास मौकों पर उसे नजराना मिलता है जिससे बारूद का खर्चा निकल जाता है. उसने बताया कि पहले पहियों वाली तोप हुआ करती थी, अब उसके पास 250 किलो वजनी तोप है. इसमें शिकार के काम आने वाला बारूद भरा जाता है. फौजिया ने बताया कि पहली बार जब उसने तोप चलाई थी, तब डर सा लगा था, उसके बाद से वह निडर होकर तोप दागती है. गगवाना तक जाती है आवाज फोजिया वह तोप दागती है तो उसकी आवाज अजमेर ही नहीं बल्कि पास में स्थित गगवाना गांव तक सुनाई देती है. फौजिया ने बताया कि पहले मौरूसी अमले के लोग दरगाह से लाल रंग का झंडा दिखाते थे, उसे देख कर वह तोप चलाती थी. अब मोबाइल फोन का जमाना आ गया है. उसे मोबाइल पर तोप चलाने के लिए कह दिया जाता है. हालांकि, उसके पास वर्ष भर का टाइम टेबल है, जिसे देखकर वह वक्त पर तोप चलाने का कार्य कर देती है. साल में 290 तोपों की सलामी चांद दिखने पर कभी 3 बार तो कभी 5 बार तोप दागी जाती है. उर्स के झंडे की रस्म के दौरान 21 तोप, उर्स की छठी पर 6 तोपों की सलामी दी जाती है. रमजान के महीने में सेहरी के वक्त और सेहरी खत्म होने पर भी रोजाना एक-एक बार तोप चलाई जाती है. इस तरह साल भर में कुल 290 तोपों की सलामी फौजिया देती है.


कच्छ लोजपा में तालुका शहेर प्रमुखो की नियुक्तियां

कच्छ में लोक जनशक्ति पार्टी को महत्वपुरन सक्रिय करने हेतु पुरे कच्छ में शहेर तालुका प्रमुखो की नियुक्तियां हो रही हैं।कच्छ लोजपा प्रमुख सतार भाइ मांजोठी और कच्छ
लोजपा के महा सचिव ऐवम राष्ट्रिय(हिन्दी)पत्रकार शेरखान जत की अगुवाइ में यह कामगीरी की जा रही है।
भुज शहेर लधुमति मोरचे के प्रमुख पद पर दाफरानी रियाज हुशेन फकीरमामद उर्फे जादुगर इंद्रजित की नियुक्ति की गइ।इस अवसर पर कच्छ लोजपा के पदाघि्कारी गन रामजी भाइ गोरसिया देपार सोमैया गगजी महेसवरी करशन मकवाना सोनल जोषी हफीजा जहांगीर पठान रोमतबेन और मुर्तुजा हशन अली खोजा ऐवम समग्र लोजपा कार्यकरता उप्सथित रहे।।


लोजपा पार्टी की तरफ से ख्वाजा गरीबे नवाज(अजमेर)साबह की खिदमत में भेजी गयी चादर

आज बारह जनपथ दिल्ली से ख्वाजा गरीबे नवाज साहब के उर्ष मुबारक के मोके पर लोजपा राष्ट्रीय अदयकस ऐवम युनियन मिनिस्टर( भारत सरकार) मान .राम विलास पासवान सर ने पार्टी के कार्यकरताओ की हाजरी में ख्वाजा साहब की दरबार में चादर भेजी है।इस अवसर पर लोजपा पार्टी के राष्ट्रीय महा सचिव साबिरखान ऐवम समग्र लोजपा पार्टी  के पदाधिकारी ऐवम कार्यकरता उपस्थित रहे।और भारत देश में अमन और सलामती हो ऐसी प्रारथना भी की गयी।





पुरव कच्छ पुलिस जवानो पर ननामी अरजी के आघार पर शिक्सात्मक ऐकशन ??

पुरव कचछ पुलिस के तीन जमादारों पर ननामी अरजी के आघार पर शिक्सात्मक ऐकश्न ले कर जिल्ला बहार बदली करना यह ऐक आशचरय लगे ऐसी धटना है। ननामी अरजी...