रविवार, 24 नवंबर 2019

देखना चाहेंगे भगवान का चेहरा?

वैज्ञानिकों ने तैयार किया स्केच, ऐसा होता है भगवान का चेहरा!!! यूनिवर्सिटी ऑफ़ नार्थ कैलिफ़ोर्निया के चेपल हिल पर चित्र बनाया गया (प्रतीकात्मक फोटो) क्या आप जानते हैं की ईश्वर कैसा दिखता है? यूं तो हमारे पास करोड़ों देवी देवता हैं लेकिन अगर सभी को मिलकर जो एक ईश्वर है अगर हमें उसका चेहरा देखना हो कैसे देखेंगे? ईश्वर का चेहरा अब वैज्ञानिकों ने खोज लिया है. उनका कहना है की ईश्वर का चेहरा किसी युवा और खूबसूरत स्त्री जैसा है. भारत में अभी ऐसा कुछ रिसर्च नहीं हुआ है लेकिन अमरीकी वैज्ञानिकों ने बहुत सारे अमरीकी चेहरों पर रिसर्च करके ईश्वर का एक स्केच बनाया है. सबसे ज़्यादा मज़े की बात यह रही कि अमरीकी ईसाईयों ने ईश्वर के चेहरे को बूढा नहीं बल्कि जवान बताया और उसी आधार पर रिसर्च की गई. वैज्ञानिकों और मनोवैज्ञानिकों ने 511 अमरीकी ईसाईयों की मदद से यूनिवर्सिटी ऑफ़ नार्थ कैलिफ़ोर्निया के चेपल हिल पर यह चित्र बनाया. अध्ययन में भाग लेने वालों ने सैकड़ों लोगों ने रूप अलग-अलग चेहरे जोड़े और चुना कि प्रत्येक जोड़े से कौन सा चेहरा वैसे दिखाई देता है जैसे कि उन्होंने भगवान को प्रकट करने की कल्पना की. सभी चयनित चेहरों को संयोजित करके, शोधकर्ताओं ने एक समग्र 'ईश्वर का चेहरा' इकट्ठा किया जो दर्शाता था कि प्रत्येक व्यक्ति ने भगवान को कैसे प्रकट किया. उनके परिणाम आश्चर्यजनक थे. माइकल एंजेलो से मॉन्टी पायथन तक, भगवान के चित्रों ने लगभग हमेशा उन्हें पुराने और विशाल सफेद दाढ़ी वाले कोकेशियान आदमी के रूप में दिखाया है लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि कई ईसाईयों ने भगवान को छोटी, अधिक स्त्री, और कम कोकेशियान के रूप में देखा. वास्तव में, भगवान की लोगों की धारणाओं ने आंशिक रूप से अपने राजनीतिक विचारधारा पर भरोसा किया. लिबरल ने ईश्वर को अधिक स्त्री, छोटे, और अधिक प्यार भरे रूप में भगवान को देखा. कंज़रवेटिव ने भगवान को कोकेशियान और उदारवादियों से अधिक शक्तिशाली देखा. अध्ययन के मुख्य लेखक जोशुआ कॉनराड जैक्सन ने सुझाव दिया, 'ये पूर्वाग्रह उस तरह के समाजों से उभरे हैं जिन्हें उदारवादी और रूढ़िवादी चाहते हैं.' 'पिछले शोध से पता चलता है कि उदारवादियों से ज़्यादा एक सुव्यवस्थित समाज में रहने के लिए रूढ़िवादी चाह रखते हैं, और चाहते हैं कि शक्तिशाली भगवान द्वारा दुनिया चलाई जाए.' दूसरी तरफ, उदारवादी सहिष्णु समाज में रहना चाहते हैं, और सोचते हैं की एक प्रेम से भरे भगवान द्वारा बेहतर विनियमित किया जाएगा.' लोगों की धारणाएं भी अपनी जनसांख्यिकीय विशेषताओं से संबंधित हैं. छोटे कद काठी के लोग एक छोटे से दिखने वाले भगवान में विश्वास करते थे. जो लोग शारीरिक रूप से आकर्षक थे वे अधिक शारीरिक रूप से आकर्षक भगवान में विश्वास करते हैं. और अफ्रीकी अमेरिकियों ने एक ऐसे भगवान में विश्वास किया जो काकेशियन लोगों की तुलना में अधिक अफ्रीकी अमेरिकी दिखता हो. . यह पूरी रिसर्च पत्रिका पीएलओएस वन में प्रकाशित कि गयी थी. आप इसे यहां पढ़ सकते हैं. 
*✍स्पेशीयल स्कवोड दैनिक कच्छ शेरखान जत..*


  

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